ग़मों की धूप में हमराह मेरे
·हमेशा जुल्फ का बादल रहा है ।
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· मौसम की पहली रिमझिम के बीच अदब व साहित्य को समर्पित संस्था कहकशाने अदब व्दारा आयोजित मुशायरा संस्था के संरक्षक विधायक श्री आरिफ अकील पार्षदगण व शहर के अदब नवाज सामइन की बड़ी संख्या के बीच सराय सिकन्दरी जुमेरादी,भोपाल में सम्पन्न हुआ । जिसकी अध्यक्षता बुजुर्ग शायद मेहबूब अहमद मेहबूब ने व संचालन संस्था के सचिव श्री सलीम कुरैशी ने किया ।
· मौसम की पहली फुहारों से हुए खुशगवार मौसम का असर शायरों के कलाम में वाजा तौर पर देखने को मिला ।
·अपनी रूमानी शायरी के लिए मशहूर यूनुस फरहत ने कहा कि–
· ग़मों की धूप में हमराह मेरे
हमेशा जुल्फ का बादल रहा है ।
दिलकश तरन्नुम के मालिक हसीब तरन्नुम ने कहा कि–
याद दिल से निकल गई होगी उनकी दुनिया बदल गई होगी
जिस पर बेहद गुरूर था उनको वह जवानी तो ढल गई होगी
नौ जवान शायद साजिद प्रेमी ने कुछ अलग अन्दाज में कहा कि–
मट्टी देकर लौटे होंगे मीठे रिश्ते रोते होंगे
मौजूद हालात पर फिक्रमंद सूर्य प्रकाश आष्ठाना सूरज ने कहा कि–
जिससे मिट जाये ये नफरत के अंधेरे सूरज
वह सबक प्यार का दुनिया को पढ़ाया जाय ।
जिन शायरों ने कलाम पेश किये उनमें मेहबूब अहमद मेहबूब,इंम्तियाज अंजुम,यूनुस फरहत,हसीब तरन्नुम,मुम्ताज सिद्धीकी,मुनिर सोज,काजी मलिक नवेद,विजय तिवारी विजय,रईस अहमद, मसूर अख्तर नारवी,साजिद प्रेमी,रमेश नन्द,रकीब अंजुम,बेबाक भोपाली,रुफीक बेकस,सूर्य प्रकाश अष्ठाना सूरज,मुश्ताब मोहम्मद,शरीफ अंसारी,साजिद बरेलवी और एहसान वारसी आदि थे ।
मुशायरे के आगाज में खासतौर पर सचिव श्री सलीम कुरैशी ने विधायक श्री आरिफ अकील व्दारा इकबाल मैदान को नया पुरकशिश व आकर्षक स्वरूप देने के लिए जिक्र किया । अन्त में आभार संस्था के अध्यक्ष श्री अजीम अंसारी ने किया ।
(संस्था के सचिव श्री सलीम कुरैशी से साभार)